छोटे व्यापार के लिये ऑफलाइन बिज़नेस लोन को आवेदन की प्रकिया | How To Apply Offline For Small Business Loan in India in hindi
छोटे व्यापार के लिये ऑफलाइन आसानी से बिज़नेस लोन (व्यापार ऋण) आवेदन की प्रक्रिया कैसे करें (How To Apply a business loan Offline for start a Small business in hindi)
बिजनेस बड़ा हो या छोटा, हर बिजनेस के लिये पूंजी की जरुरत होती है, पूंजी बिजनेस का मूल आधार है, उसको शुरू करने के लिये, उसको आगे बढ़ाने के लिये. जरूरी नही है हर बिजनेस करने वाले के पास पैसा हो, और यदि पैसा ना हो तो वह बिजनेस नही कर सकता, ऐसा तो बिल्कुल भी नही है. लोन की व्यवस्था होती ही इसलिये है, जिससे हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार व्यापार कर सके. लोन कई तरह के होते है तथा कई फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट के द्वारा दिये जाते है. यहाँ तक की सरकार भी छोटे-छोटे व्यापार को बढ़ाने के लिये लोन दे रही है. फर्क सिर्फ इतना है कि सभी की लोन की अपनी शर्ते तथा ब्याज की अपनी दर होती है. छोटे व्यापार के लिये लोन कैसे लिया जाता है हम इसे बताएंगे. वैसे सरकार द्वारा 59 मिनिट में लघु उद्योग के लिये ऑनलाइन लोन आवेदन की सुविधा भी दी जा रही है.
बिजनेस लोन की जानकारी (Information of Business Loan)
लोन का अर्थ सामान्य भाषा में उधार देना होता है. बस इस उधार मे फर्क इतना होता है, कि यह किसी व्यक्ति विशेष से नही लेकर किसी प्राइवेट कंपनी या बैंक से लेना होता है. लोन के मुख्य तीन आधार होते हैं:
मूलधन (Principal Amount)
मूलधन जिसे मूल राशि भी कहा जाता है, यह वह राशि है जो उधार के तौर पर ली जा रही है. आवेदन करने बाद जितनी भी रकम का ऋण मिलता है, वह प्रिंसिपल अमाउंट या मूलधन हो जाता है.
ब्याज की दर (Rate of Interest)
यह सबसे महत्वपूर्ण है कि, मूलधन पर ब्याज किस दर से लग रहा है.
ऋण की समयावधि (Duration of Loan)
लोन कितनी अवधि के लिये लिया है तथा आखिरी सीमा क्या है यह ध्यान रखना बहुत जरुरी है.
बिजनेस लोन की योग्यता (Eligibility of Business Loan)
ऋण लेने से पहले हर बैंक के लोन की एक योजना होती है, जिसमे यह तय होता है कि कौन व्यक्ति लोन लेने के लिये योग्य है. उससे सम्बंधित जानकारी इस प्रकार है –
किसी भी लोन की शर्त होती है कि जो भी व्यक्ति लोन ले रहा है, वह भारत का नागरिक होना चाहिये. उसकी उम्र तेवीस-चौबीस साल से अधिक तथा अठावन साल से कम होनी चाहिये.
व्यक्ति सामान्य स्थिति मे हो अर्थात उसे किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक रूप से गंभीर बीमारी ना हो.
बिजनेस लोन मे लगने वाले दस्तावेज़ (Document Require of Business Loan)
सरकारी काम काज हो या प्राइवेट लोन आपकी पहचान के लिए कुछ दस्तावेज़ सभी मे महत्वपूर्ण होते है. लोन मे लगने वाले दस्तावेजों की लिस्ट इस प्रकार है-
पासपोर्ट साइज फोटो
आधार कार्ड की कॉपी
पेन कार्ड की कॉपी
पिछले तीन साल के सेल्स टैक्स के रिटर्न की कॉपी
पिछले तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी
बैंक अकाउंट की डिटेल
प्रोजेक्टेट रिपोर्ट
आने वाले वर्षों की अनुमानित खातों का ब्यवरा
क्रेडिट मोनिटरिंग अरेंजमेंट डाटा(सीएमए डाटा, यदि जरुरी हो तो)
सुरक्षा के तौर पर प्रोपर्टीज के पेपर या कोई तरल संपत्ति
लोन की सुरक्षा के लिये दो ग्यारंटर की भी आवश्यता होती है.
बिजनेस लोन मे ध्यान देने वाली बातें (Important Point for Business Loan)
किसी भी लोन को लेने के लिये उससे संबंधित जानकारी पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता है, उसमे प्रमुख इस प्रकार है
बिजनेस की योजना (Planning of Business)
बिजनेस को चालू करने से पहले पूरी योजना बना लेना चाहिये, किस वस्तु का व्यापार करना है, कितनी पूंजी लगाना है, खर्चो की सीमा तय करे तथा प्रोफिट मार्जिन कितना है यह तय करे. यह सभी बातों का ध्यान रख कर व्यापार करे, जिससे किसी तरह की हानि ना उठानी पड़े.
इनकम के साधन (Income of Source)
जिस भी व्यक्ति को लोन दिया जा रहा है, इसकी इनकम के माध्यम देखना जरुरी है. उसको किस माध्यम से इनकम हो रही है और, कितनी इनकम हो रही है या वह जिस बिजनेस के लिये लोन ले रहा है व उससे उसको आय कितनी हो पायेगी. ताकि यह पता चल सके कि वह दिये गये लोन को वापस चूका पायेगा या नही.
डाउन पेमेंट (Down Payment)
जब भी लोन लेना हो, उसके डाउन पेमेंट को सबसे पहले देखे. डाउन पेमेंट जिसे यदि हम सामान्य शब्दों में समझें, तो बाद मे मिलने वाली लोन की राशि होती है. तो इससे संबन्धित शर्तों को समझ लेना चाहिये, जिससे भविष्य मे कोई दिक्कत ना हो.
उदाहरण के तौर पर,
हमने पन्द्रह लाख के लोन के लिये अप्लाय किया. जिसमे से तीन लाख रूपये तो हमे लोन लेते ही मिल गये पर बाद मे बारह लाख रूपये जों कि डाउन पेमेंट होगा वह कैसे मिलेगा यह समझना आवश्यक है.
ब्याज की दर (Rate of Interest)
लोन लेने से पहले ब्याज की दर का पता लगा लेना चाहिये. हमे यह पता होना चाहिये, किस दर से ब्याज लग रहा है. और अलग-अलग बैंकों में ब्याज का पता लगा ले. कई बार ऐसा भी हुआ है कि मूल से ज्यादा ब्याज लोगों को भरना पड़ा है. यदि रूपये ना भरे तो, चक्रवर्ती दर से ब्याज लगता है.
एक सामान मासिक किश्ते (Equal Monthly Installments(EMI))
लोन लेने के बाद उसे वापस चुकाने के लिये एक प्रकिया होती है जिसमे अपनी आय के अनुसार हर महीने की किश्तें बनवानी होती है, जिसे ईएमआई कहते है. जिसमे मूलधन तथा ब्याज दोनों की रकम जुड़ती है. तथा इसे बनाई गई किश्त के अनुसार हर महीने इसका भुगतान करना होता है या यह बैंक अकाउंट मे जमा राशि से काट लिया जाता है
आयु (Age)
लोन लेने के लिये आयु को भी देखा जाता है जों भी व्यक्ति लोन ले रहा है, उसकी उम्र उस लोन को चुकाने की होनी चाहिये.
छोटे व्यापार के लिये लोन की प्रकिया ( Process to Apply For Small Business Loan in India)
सबसे पहले चरण में लोन की प्रक्रिया करने के लिये किसी बैंक से फार्म लाये, उसे अच्छी तरह से पढ़े और समझे और उसके बाद उसे भरे.
उसमे लग रहे सभी दस्तावेजों को एक साथ जमा कर ले तथा हर दस्तावेज़ की फोटो कॉपी को लगाये, किसी भी दस्तावेज की मूल प्रति को उसके साथ संलग्न ना करे.
दो गारंटर जिसे हम साइन के लिए ले जा रहे है, वह विश्वास योग्य हो, ताकि भविष्य मे कोई परेशानी ना हो पाये.
हम सुरक्षा के तौर पर जिस भी अचल सम्पति को रख रहे है, उसका भी बाजार मूल्य पता कर ले.
लोन लेने के बाद डाउन पेमेंट के लिये बैंक से समय अवधि समझ ले तथा अपनी जरुरत के अनुसार उसके लिये कहे.
बिजनेस लोन की लाभ व हानियाँ (Profit & Loss of Business Loan)
बिजनेस लोन की लाभ (Business Loan Benefits)
किसी भी व्यक्ति को व्यापार के लिये सोचना नहीं पड़ता , लोन लेने से उसकी सब समस्या खत्म हो जाती है, इसके लाभ इस प्रकार है-
किसी भी बिजनेस को चालू करने के लिये पूंजी या उसके संबंध मे सोचना नही पड़ता है, आसानी से लोन से काम शुरू हो सकता है. व्यापार से सम्बंधित हो रहे सभी खर्चो को पूरा करने मे सहायता मिलती है.
बाजार की दर से कम ब्याज दर पर ऋण मिलता है. जिससे कम लागत मे बड़ी पूंजी का फायदा मिलता है. और लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है. लोन चुकाने की न्यूनतम अवधि कम से कम एक साल तथा अधिकतम अवधि पांच साल तक होती है. समय के अनुसार हर वर्ष इसमें कुछ ना कुछ बदलाव भी होते है, जिसे देखना जरुरी है.
बिजनेस शुरू होने के बाद डाउन पेमेंट (अग्रिम भुगतान) से आराम से काम आगे बढाया जा सकता है. तथा पूंजी रोटेशन सही चलता है.
जितनी पूंजी उतना व्यापार होता है तो ज्यादा नुकसानी नही होती है. हर कंपनी तथा बैंकों से बहुत आसानी से लोन उपलब्ध होता है.
इनकम टैक्स में भी इसका लाभ मिलता है. लोन की छुट का फायदा हम इनकम टैक्स के रिटर्न भरते समय भी ले सकते है.
बिजनेस लोन की हानियाँ (Business Loan Drawbacks)
लोन यदि बिना योजना के लिया जाये तथा समय से चुकाया नही जाता, तो उससे हानि भी उठानी पड़ती है वह इस प्रकार है-
बैंक से लोन लेने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि, ब्याज दर बहुत अधिक रहती है. जों मूल से ज्यादा महंगी पड़ती है.
लोन के डाउन पेमेंट के बाद बहुत समय लगता है तथा उसकी रकम आराम से छोटी-छोटी किश्तों मे मिलती है.
यदि लोन की राशि ना चुकायी जाये, तो संपत्ति नीलाम हो जाती है.
बिजनेस लोन मे ब्याज की दरे (Business Loan Interest Rate)
हर बैंक की अपनी अलग-अलग ब्याज की दरे होती है, जिसे समझने मे काफी मुश्किल होती है हम यहाँ कुछ बैंको की दरे एक साथ बता रहे है, जिससे तुलना करना बहुत आसान हो जायेगा.
बैंकों के नाम |
ब्याज की दरें |
इलाहबाद बैंक |
11.10% |
आंध्रा बैंक |
15.75% |
बैंक ऑफ बड़ोदा |
14.10% |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र |
14.50% |
सिटी बैंक |
15.99% |
कार्पोरेशन बैंक |
13.55% |
धन लक्ष्मी बैंक |
13.15% |
एचडीएफसी बैंक |
15.50% |
आईसीआईसीआई बैंक |
15.50% |
आईडीबीआई बैंक |
13.00% |
इंडियन ओवेर्सिस बैंक |
14.90% |
कोटक बैंक |
16.00% |
पंजाब नेशनल बैंक |
12.65% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया |
11.20% |
सिंडीकेट बैंक |
12.50% |
यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया |
13.00% |
यस बैंक |
16.25% |
यह बैंक ब्याज की दरों मे हर साल कुछ ना कुछ परिवर्तन होता है. जब भी लोन लेना है उस साल की ब्याज की दर का पता जरूर कर ले, उसके बाद लोन की प्रोसेस करे.
प्राइम मिनिस्टर एम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (Prime Minister’s Employment Generation Programme) (PMEGP)
इस प्रधानमंत्री योजना के तहत छोटे व्यापार के लिये एक लोन की व्यवस्था की गई है, जिससे हर वह व्यक्ति जों व्यापार करने की सोच रहा है वह व्यापार कर सकता है.
इस योजना के प्रमुख बिंदु
इस योजना का लाभ अठारह वर्ष से अधिक तथा पैतीस साल से कम उम्र वाले लोग इसमें भाग ले सकते है.
जिस परिवार की सभी सदस्यों की आय मिला कर चौबीस हजार से कम है, वह लोग इस लोन का फायदा उठा सकते है.
इस लोन मे सरकार ने साक्षरता की बाधा को लगभग हटा दिया है, आठवी-दसवी पास व्यक्ति भी यह लोन ले सकते है.
इस लोन की न्यूनतम सीमा दो लाख तथा अधिकतम सीमा पच्चीस लाख तक की सरकार ने तय की है. जिसमे अहम बिंदु यह है कि सुरक्षा के तौर पर कोई भी संपत्ति रखने की आवश्यता नही है. तथा यह लोन कम से कम सात वर्षों तक के लिये मिलेगा.
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ है कि इसमें सरकार ने सब्सिडी की भी व्यवस्था की है जों प्रोजेक्ट कॉस्ट की पन्द्रह से पैतीस प्रतिशत तक रखी है. पर इसमें सब्सिडी केटेगरी के अनुसार दी गई है-
यदि आप जनरल कैटेगरी मे आते है तथा अपना व्यापार किसी शहर मे (Urban Area) प्रारंभ करते है, तो आपको पन्द्रह प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी. पर यह व्यापार यदि किसी गांव मे (Rural Area) करते है, यह सब्सिडी बढ़ कर आपको पच्चीस प्रतिशत तक मिलेगी. पर जनरल कैटेगरी मे आपको प्रोजेक्ट कॉस्ट का दस प्रतिशत जमा करना होता है.
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक लोग, महिलाये, रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी, तथा विकलांग केटेगरी के लोग बोर्डर एरिया तथा हिल स्टेशन पर रहने वाले लोग इन सभी को स्पेशल केटेगरी मे रखा गया है. जिसमे यदि आप किसी शहर मे व्यापार करते है तो पच्चीस प्रतिशत तथा किसी गांव मे व्यापार करते है तो पैतीस प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. इसके अलावा अपने प्रोजेक्ट का मात्र पांच प्रतिशत ही आपको जमा करना होता है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhanmantri Mudra Yojna)
इस योजना को सरकार ने उन सभी व्यक्तियों के लिये रखा है, जो बिजनेस करना चाहते है या कर रहे है, उसे और बढ़ाना चाहते है. इस योजना में भी सरकार ने लोगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा है तथा उसमे किसी तरह की ग्यारंटी लिए बिना लोन दिया जायेगा. इसी के साथ किसी भी तरह की लोन प्रक्रिया की कोई फीस नही ली जायेगी. इसके रिपेमेंट के लिये पांच वर्ष की पर्याप्त अवधि रखी गई है. इस लोन को सरकार ने तीन भागों मे विभाजित किया है.
सरकारी लोन मे बाकी सभी दस्तावेज़ तो वही लगेंगे जों सामान्य लोन मे लगते है. पर इसमें जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, व्यापार के स्थान का पता यह अनिवार्य रूप से देना होता है.
सरकार ने यह सुविधा बेरोजगारी खत्म करने के लिये चालू की तथा इसी प्रकार लोन लेने से व्यापार करने मे बहुत मदद मिलती है. तथा हर वह व्यक्ति जों योजना बना कर व्यापार करेगा उसे लाभ अवश्य मिलेगा तथा व्यापार मे तरक्की होगी.